7th Pay Commission Commuted Pension: केंद्र सरकार के भूतपूर्व केंद्रीय कर्मचारी जो पेंशन प्राप्त कर रहे हैं उन सभी के लिए सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण खबर सामने आ रही है । केंद्र सरकार को पेंशन की बहाली के लिए एक नया प्रस्ताव मिला है। जानकारी के लिए बता दें सरकार विभिन्न राष्ट्रीय संगठनों और सलाहकार मशनरी से समय-समय पर विभिन्न प्रस्तावों की मांग करती है । ऐसे में विभिन्न राष्ट्रीय संगठन और सलाहकार मशीनरी सरकार को विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग प्रस्ताव पेश करते हैं। इसी क्रम में हाल ही में केंद्र सरकार को पेंशनर्स के पेंशन बहाली को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव मिला है जिस पर सरकार विचार कर रही है।
पाठकों की जानकारी के लिए बता दे केंद्र सरकार को मिले इस प्रस्ताव के अंतर्गत पेंशन की बहाली का पीरियड 15 साल से घटकर 12 साल करने का प्रस्ताव उपलब्ध कराया गया है। यह मांग केंद्रीय सरकारी कर्मचारी और अन्य सलाहकार निकाय उठा रहे हैं । जानकारी के लिए बता दे इस प्रस्ताव को राष्ट्रीय परिषद के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने सरकार के सामने रखा है जिसमें इन्होंने सरकार के सामने पिछले काफी समय से लंबित 14 डिमांड सामने रखी है जिसमें से एक मांग यह भी है कि सरकारी पेंशन के बहाली पीरियड को 15 साल से घटकर 12 साल कर दिया जाए जिससे केंद्रीय कर्मचारियों को काफी हद तक सुविधा देखने को मिलेगी।
7th Pay Commission Commuted Pension: सरकार के सामने पेश किया प्रस्ताव
जैसा कि हमने आपको बताया विभिन्न राष्ट्रीय संगठन समय-समय पर सरकार को विभिन्न प्रस्ताव भेजते रहते हैं। ऐसे में हाल ही में JCM के कर्मचारी पक्ष द्वारा पेंशन को लेकर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव सरकार तक पहुंचाया गया है। इस प्रस्ताव को इसी साल दूसरी बार भेजा जा रहा है । साल 2024 के अप्रैल में भी अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ द्वारा इसी मामले पर तत्काल कार्यवाही की मांग की गई थी परंतु सरकार ने इस बारे में कोई कदम नहीं उठाया था। इस बार बजट से पहले कर्मचारी फिर से पेंशन पीरियड के बहाली के समय को घटाने की मांग कर रहे हैं।
कॉम्युटेशन टेबल में संशोधन की आवश्यकता
जानकारी के लिए बता दे फिलहाल पेंशन पीरियड की बहाली का समय 15 साल रखा गया है जिसे कर्मचारी 12 साल करने के लिए कह रहे हैं । रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को पेंशन का एक हिस्सा मिलता है जो की 40% से अधिक नहीं होता। कर्मचारी एकमुश्त भुगतान में बदलने का विकल्प भी चुन सकते हैं परंतु यह सारी पेंशन 15 साल के बाद बहाल की जाती है। ऐसे में यदि रिटायर व्यक्ति रिटायरमेंट के बाद 1 साल के अंदर काॅम्यूटेशन विकल्प चुनता है तो उसे किसी प्रकार का कोई मेडिकल टेस्ट नहीं देना पड़ता । परंतु यह सुविधा भी एक साल के बाद शुरू की जाती है और वहीं कर्मचारियों को पेंशन जल्दी बहाल करने के लिए मेडिकल टेस्ट देना पड़ता है ऐसे में इन सारी प्रक्रियाओं पर सरकार को समीक्षा करने की आवश्यकता है।
कॉम्युटेशन टेबल की गणना में भी संशोधन की जरूरत
जानकारी के लिए बता दे पेंशन भोगियों का कहना है कि केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1981 के अंतर्गत काॅम्यूटेशन फैक्टर का टेबल पुराने मापदंडों पर बना हुआ है जो आज की महंगाई दर में कहीं भी फिट नहीं बैठता । ऐसे में पिछले 10 सालों में ब्याज दर, मृत्यु दर और जीवन स्तर में बहुत सारा बदलाव हुआ है। इसीलिए इस काॅम्यूटेशन फैक्टर टेबल में भी संशोधन करने की आवश्यकता है। वहीं कर्मचारी जब रिटायर होते हैं और काॅम्यूटेशन करते हैं तो इस टेबल के आधार पर ही गणना की जाती है।
उदाहरण के रूप में अगर कर्मचारी 60 साल में रिटायर होता है तो कम्युटेशन फैक्टर टेबल 61 साल की आगे वैल्यू का लेता है और कर्मचारी अगर 58 साल में रिटायर होता है तो काॅम्यूटेशन फैक्टर टेबल 59 साल की आगे वैल्यू का लिया जाता है ऐसे में इस फैक्टर टेबल का महत्वपूर्ण रोल होता है जिसमें महत्वपूर्ण बदलाव करने की आवश्यकता है.
पेंशन भोगियों को हो रही असुविधा और पड़ रहा वित्तीय दबाव
पेंशन भोगियों का कहना है कि काॅम्यूटेशन की बहाली वर्तमान की अवधि में 15 साल की है जो की पेंशन भोगियों के लिए एक तरह से नाइंसाफी है । इस कॉम्युटेशन की बहाली अब 11 साल से लेकर 12 साल की अवधि में हो जानी चाहिए ताकि पेंशन धारक को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके। अन्यथा पेंशनधारक को काफी लंबे समय तक वित्तीय परेशानियों से गुजरना पड़ता है जो की कर्मचारियों पर तनाव की स्थिति डालता है । ऐसे में कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति खराब हो जाती है जिसे देखते हुए सरकार को इस काॅम्यूटेशन टेबल में भी संशोधन करने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष: 7th Pay Commission Commuted Pension News
कुल मिलाकर संपूर्ण राष्ट्रीय महासंघ के कर्मचारियों द्वारा यह प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास पहुंचा दिया गया है जिसमें कर्मचारी पेंशन बहाली के नियमों में संशोधन की मांग कर रहे हैं जिसके अंतर्गत पेंशन काॅम्यूटेशन की बहाली को 15 साल से घटकर 12 साल करने मांग उठाई जा रही है वही साथ ही साथ कॉम्युटेशन टेबल के मापदंडों और पद्धतियों को बदलने के लिए भी निवेदन किया गया है।