UPI Transaction Limit Increased: Upi भुगतान प्रणालीका इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं के लिए एक बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने गुरुवार 8 अगस्त 2024 को कर भुगतान मामलों के लिए UPI भुगतान सीमा को 1 लाख से बढ़कर 5 लाख रुपए प्रतिदिन कर दिया है । रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा लिए गए इस महत्वपूर्ण फैसले का मुख्य उद्देश्य उच्च देनदारी वाले करदाताओ को आसान भुगतान सुविधा उपलब्ध कराना है ताकि वे अपने करों का भुगतान जल्द से जल्द और बिना किसी परेशानी के कर सके ।
आमतौर पर आजकल करदाता करों का भुगतान करने के लिए UPI प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसमें अब तक अधिकतम सीमा 1 लाख रुपए तक की थी । ग्राहकों की सुविधाओं को देखते हुए अब इस सीमा को 5 लाख कर दिया है ताकि उच्च देनदारी करने वाले करदाताओं को अधिक राशि का भुगतान करने में असुविधा न हो।
RBI ने बढ़ाई उच्च करों के भुगतान हेतु Increased UPI Transaction Limit
पाठकों की जानकारी के लिए बता दें पिछले तीन दिनों से रिजर्व बैंक आफ इंडिया के गवर्नर द्वारा तीन दिवसीय मौद्रिक नीति पर बैठक की जा रही थी इस तीन दिवसीय मौद्रिक नीति की बैठक के अंतर्गत ही गुरुवार के दिन इस महत्वपूर्ण निर्णय पर प्रस्ताव पारित किया गया है जिसमें UPI लेनदेन की लिमिट को एक लाख से बढ़कर 5 लाख रुपए किया गया है। रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा यह प्रस्ताव पेश किया गया है कि आजकल लोग सहज भुगतान की सुविधा की वजह से UPI से भुगतान करना पसंद कर रहे हैं।
UPI का भुगतान वर्तमान में देश में सबसे आसान भुगतान तरीका माना जाता है। परंतु सुरक्षा नीति के चलते अब तक इस UPI के अंतर्गत भुगतान सीमा केवल ₹100000 तक की थी । परंतु ग्राहकों की सुविधा को देखते हुए उच्च कर भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं के लिए इस सीमा को एक लाख से बढ़कर 5 लाख रुपए करने पर निर्णय पारित किया जा चुका है।
UPI Transaction Limit Increased: आसान भुगतान प्रणाली की वजह से ग्राहकों की पहली पसंद
जैसा कि हमने आपको बताया अपनी आसान भुगतान प्रणाली की वजह से UPI भुगतान प्रक्रिया ग्राहकों की सबसे पसंदीदा भुगतान प्रणाली बन चुकी है । हालांकि उपयोग के आधार पर रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा समय-समय पर इस भुगतान लिमिट में समीक्षा की गई है और IPO ऋणसंग्रह ,बीमा, चिकित्सा ,शैक्षिक सेवाओं जैसे श्रेणियों के लिए इस भुगतान सीमा को बढ़ाया गया है।
वही हाल ही में कर भुगतान की सीमा को देखते हुए उच्च भुगतान करने वाले करदाताओं के लिए इस सीमा को एक लाख से बढ़कर ₹5 लाख कर दिया गया है हालांकि यह की सीमा कितने लंबे समय तक 5 लाख पर बनी रहेगी और भविष्य में इसमें क्या बदलाव होंगे इस बारे में जल्द ही दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे।
UPI Transaction Limit Increased: क्या रहेंगी अन्य UPI लिमिट?
पाठकों की जानकारी के लिए बता दें RBI वने साफ कर दिया है कि नॉर्मल UPI ट्रांजैक्शंस के लिए अधिकतम सीमा ₹1 लाख ही रहेगी। वहीं कुछ विशेष परिस्थितियों जैसे की कैपिटल मार्केट कलेक्शन इंश्योरेंस फॉरेन इनवार्ड रेमिटेंस में ट्रांजैक्शन लिमिट 2 लाख रुपए तक रहेगी । इसके अलावा इनिशियल पब्लिक आफरिंग, रिटेल डायरेक्ट स्कीम के अंतर्गत यह सीमा 5 लाख रुपए तक प्रति ट्रांजैक्शन ही रहेगी।
वहीं हाल ही में उच्च टैक्स कलेक्शन हेतु 1 लाख की सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपए तक कर दिया गया है जिससे ज्यादा से ज्यादा टैक्स कलेक्शन किया जा सके और टेक्स भुगतान करने वाले करदाताओ को भी सुविधा उपलब्ध कराई जा सके जिससे वह बिना किसी झंझट पारदर्शिता पूर्ण और सुरक्षित माध्यम से टैक्स में भुगतान कर सके।
UPI Transaction Limit Increased: RBI के इस निर्णय से क्या लाभ होगा
RBI द्वारा इस UPI लिमिट में बढ़ोतरी करने के बाद कर भुगतान करने वाले करदाताओं को काफी हद तक राहत प्राप्त होगी। UPI के माध्यम से भुगतान करने वाले करदाता अब उच्च करो का भुगतान UPI के द्वारा कर पाएंगे जिससे वे बिना किसी झंझट और बिना किसी असुविधा के इस भुगतान प्रक्रिया का इस्तेमाल कर पाएंगे। वहीं ज्यादा सुविधाजनक और पारदर्शिता भुगतान प्रणाली की वजह से ज्यादा से ज्यादा टैक्स कलेक्शन हो पाएगा । जैसा कि हम सब जानते हैं UPI के माध्यम से भुगतान करने के लिए ग्राहक को केवल चार से छः नंबर तक का पिन भरना होता है ।
वही डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड या अन्य किसी माध्यम से भुगतान करने के लिए ग्राहक को पंजीकरण प्रक्रिया, वन टाइम पासवर्ड इत्यादि अलग-अलग प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है । तुलनात्मक रूप से UPI के माध्यम से भुगतान अब तक की सबसे आसान भुगतान प्रक्रिया मानी जाती है । वहीं अब रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा करदाताओं को करों भुगतान करने के लिए टेक्स भुगतान लिमिट 1 लाख से 5 लाख होने की वजह से कंज्यूमर को सीधे तौर पर फायदा देखने को मिलेगा।
निष्कर्ष – UPI Transaction Limit Increased
कुल मिलाकर रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया द्वारा लिया गया यह फैसला करदाताओ के लिए फायदेमंद सिद्ध होगा वही आसान टैक्स भुगतान की वजह से इनकम टैक्स विभाग को भी पारदर्शी और सुरक्षित भुगतान विकल्प के माद्यम से टैक्स कलेक्शन मिल पायेगा जिससे डेटा और मेंटेनेंस में भी आसानी होगी।