Uttarakhand Earthquake News: उत्तराखंड में भूकंप का अलर्ट, मंडरा रहा तुर्की जैसा खतरा

Uttarakhand Earthquake Alert: हैदराबाद के नेशनल Geophysical Research Institute ने हाल ही में उत्तराखंड की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए जमीन के नीचे होने वाली हलचल को भांपते हुए उत्तराखंड में तुर्की से भी भयंकर भूकंप (Uttarakhand Earthquake Alert) का अंदेशा जारी किया है। हालांकि साइंटिस्ट इस भूकंप की कोई सटीक तारीख का अनुमान नहीं लगा सकते, परंतु वैज्ञानिक यह आशंका जाता रहे हैं कि जिस प्रकार उत्तराखंड में जमीन फटने का सिलसिला जारी है उसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्र में जल्द ही महाभूकंप का कहर बरपेगा।

पाठकों की जानकारी के लिए बता दें उत्तराखंड में कुछ समय पहले ही जोशीमठ में जमीन फटने की वजह से काफी हलचल मची थी। वहीं आए दिन उत्तराखंड में लैंडस्लाइड होना भी जारी ही है। ऐसे में जमीन के नीचे होने वाली हलचल को देखते हुए National Geophysical Research Institute के वैज्ञानिकों ने उत्तराखंड में तुर्की से भी बड़े भूकंप की आशंका जताई है।  हालांकि यह भूकंप कब आएगा और कौन से दिन पर आएगा इस बारे में भविष्यवाणी करना फिलहाल मुनासिब नहीं है परंतु इतना तय है कि जिस प्रकार उत्तराखंड के जमीनी इलाकों में दबाव बढ़ रहा है उसे देखते हुए महा भूकंप (Uttarakhand Earthquake Alert) निश्चित रूप से जल्द ही आएगा।

Uttarakhand Earthquake Alert: आ सकता है 8 रिक्टर स्केल का भूकम्प

उत्तराखंड के जमीनी हलचल पर रिसर्च करने के लिए नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टिट्यूट ने उत्तराखंड के हिमालय क्षेत्र में करीबन 80 सीस्मिक स्टेशन बनाए हैं । यह सिस्मिक स्टेशन लगातार जमीन के दबाव की निगरानी कर रहे है जिससे जमीन के सतह के नीचे होने वाले बदलाव के बारे में साइंटिस्ट को पता चल रहा है। इस पूरे हलचल को देखते हुए ही वैज्ञानिकों ने यह अनुमान लगाया है कि उत्तराखंड में तुर्की से भी ज्यादा भयानक भूकंप (Uttarakhand Earthquake Alert) आएगा जो 8 से ज्यादा तीव्रता स्केल का हो सकता है । वही इस भूकंप की वजह से जम्मू कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक के क्षेत्र पर असर पड़ेगा।

हालांकि उत्तराखंड में आने वाले इस भूकंप की वजह से अलग-अलग क्षेत्र में अलग-अलग स्केल पर नुकसान होगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि किसी भी क्षेत्र में भूकंप की वजह से होने वाले नुकसान कई कारकों पर निर्भर करते हैं ऐसे में इस भूकंप का सबसे बड़ा खतरा फिलहाल उत्तराखंड पर बना हुआ है।

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उत्तराखंड की जमीन के अंदर बढ़ रहा दबाव

साइंटिस्ट का कहना है उत्तराखंड की जमीन के नीचे बहुत ज्यादा स्ट्रेस बन रहा है । ऐसे में इस तनाव को खत्म करने के लिए जमीन अक्सर भूकंप पैदा करती है । इस प्रकार के भूकंप के बाद अक्सर जमीन का तनाव समाप्त हो जाता है। ऐसे में जमीन के सतहों के नीचे बदलने वाले प्रेशर को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि जल्द ही उत्तराखंड में तुर्की से भी भयंकर भूकंप (Uttarakhand Earthquake Alert) आने की संभावना दिखाई दे रही है। जानकारी के लिए बता दे तुर्की में आया भूकंप 7.8 विक्टर स्केल का था वहीं यदि उत्तराखंड में भूकंप आता है तो यह 8 रिक्टर स्केल से ऊपर का होगा । ऐसे में हम खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि यह भूकंप कितना भयावह होगा

पहाड़ी क्षेत्र पहले से ही है संवेदनशील स्थिति में

जानकारी के लिए बता दें उत्तराखंड में कुछ समय पहले ही चमोली में 3.5 तीव्रता की भूकंप के झटके आए थे। वहीं उसे कुछ समय पहले ही उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। उत्तराखंड राज्य की बनावट ही कुछ ऐसी है कि इस राज्य की जमीन के नीचे लगातार अलग-अलग प्रेशर बनता है । हिमालय की तलहटी में बसा उत्तराखंड अपने विभिन्न भौगोलिकता की वजह से जाना जाता है । ऐसे में चारो तरफ हिमालय के पहाड़ों से घिरे उत्तराखंड में यदि भूकंप आता है तो यह काफी बड़ा तांडव साबित हो सकता है।

महा भूकंप आएगा तो उत्तराखंड में कितनी तबाही मचाएगा?

वहीं कुछ समय पहले ही इस बदलते हुए जमीनी प्रेशर का सबूत जोशीमठ में जमीन धसने की वजह से भी मिल चुका है जिससे यह कहा जा सकता है कि उत्तराखंड में लगातार जमीन के नीचे हलचल हो रही है । उत्तराखंड अपने पर्यटन स्थलों और चार धाम यात्राओं की वजह से भी हमेशा पर्यटकों से भरा रहता है। ऐसे में यहां पर दिन-ब-दिन कार्बन फुटप्रिंट्स भी बढ़ते जा रहे हैं। हिमालय जैसे स्थान पर बढ़ते हुए शोर और ज्यादा वाहनों की आवाजाही की वजह से भी जमीन के नीचे प्रेशर बढ़ता जा रहा है।

दिन-ब-दिन जनसंख्या बढ़ने की वजह से भी संपूर्ण उत्तराखंड की जमीन पर दबाव पड़ रहा है। हिमालय की जमीन आमतौर पर इतना दबाव लेने की स्थिति में नहीं होती है। ऐसे में पर्यटन स्थलों और चार धाम यात्राओं को मुख्य स्थान से जोड़ने  के लिए आए दिन होने वाले कंस्ट्रक्शन के काम और और बढ़ते हुए परिवहन की वजह से भी उत्तराखंड इसके पर्यावरण में भी बदलाव देखने को मिल रहा है । ऐसे में वैज्ञानिकों का कहना है कि बढ़ते हुए प्रेशर और और बदलते हुए पर्यावरण की वजह से उत्तराखंड में कभी भी महा भूकंप (Uttarakhand Earthquake Alert) आ सकता है।

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सरकार,नागरिकों और पर्यटकों के लिए बड़ी चेतावनी

हालांकि उत्तराखंड में आने वाला भूकंप 8 रिक्टर स्केल का होगा जो आमतौर पर सबसे बड़ा भूकंप नहीं कहा जा सकता । परंतु अपनी भौगोलिक स्थितियों की वजह से और पहाड़ी क्षेत्र होने की वजह से इस भूकंप का परिणाम काफी नुकसान कारक सिद्ध हो सकता है।  वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप से होने वाली क्षति कई कारकों पर निर्भर करती है जैसे की जनसंख्या का घनत्व ,भौगोलिक स्थिति ,पहाड़, मैदान ,वही इमारत का कंस्ट्रक्शन का प्रकार, निर्माण की गुणवत्ता इत्यादि ऐसे में पहाड़ी क्षेत्रों में भूकंप आने की वजह से आमतौर पर नुकसान बहुत ज्यादा हो जाता है और बचाव कार्य में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

निष्कर्ष: Uttarakhand Earthquake Alert

कुल मिलाकर वैज्ञानिकों की यह चेतावनी उत्तराखंड के सरकार और निवासियों के लिए एक चेतावनी साबित हो सकती है। समय रहते ही सरकार और लोगों को चेत जाना चाहिए और जरूरी कदम उठाने शुरू कर देना चाहिए। वहीं यह पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों की भी जिम्मेदारी होती है कि वह जब ऐसे स्थलों पर जाएं तो पहाड़ी जीवन की संवेदनशीलता को समझने की कोशिश करें और ऐसे स्थान पर ज्यादा शोर और पहाडी क्षेत्रों नुकसान पहुँचाने से बचें ताकि जमीन के अंदर प्रेशर ना बढ़े और बड़ी आपदा टाली जा सके।

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