Uttarakhand Fencing Scheme: उत्तराखंड राज्य सरकार काफी समय से राज्य के किसानों हेतु विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन कर रही है। उत्तराखंड राज्य सरकार केंद्र सरकार के साथ मिलकर काफी समय से किसानों के लिए विभिन्न नीतियों का गठन कर रही है। वही यह कोशिश कर रही है की किसानों को हर संभव सहायता उपलब्ध कराई जा सके। हालांकि सारी जरूरी सुविधाओं को ध्यान में रखने के बावजूद भी कई बार जंगली जानवरों द्वारा किसानों की फसलें खराब कर दी जाती है। आमतौर पर यह उन खेतों में होता है जिनमें किसी प्रकार की घेरबाड़ की सुविधा न हो।
जैसा कि हमने बताया कि सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार के जतन करने की पश्चात भी कई बार किसानों की फसलें जंगली जानवरों द्वारा खराब कर दी जाती है। ऐसे में वे सभी किसान जिनके खेतों के चारों तरफ घेरबाड़ नहीं बने हुए हैं उन सभी को घेरबाड़ बनाने के लिए सरकार निर्देश दे चुकी है। परंतु आर्थिक रूप से कमजोर और वित्तीय रूप से अक्षम किसान खेतों के चारों ओर घेरबाढ़ बनाने में सक्षम नहीं होते। ऐसे में किसानों की परेशानी का हल सरकार ने निकाल लिया है और अब सरकार किसानों को घेरबाड़ बनाने के लिए आर्थिक सुविधा उपलब्ध कराने वाली है।
केंद्र सरकार द्वारा मिलेगी सहायता
पाठकों की जानकारी के लिए बता दें उत्तराखंड कृषि मंत्री द्वारा कुछ समय पहले ही उत्तराखंड में कृषि विकास हेतु नाबार्ड से सहयोग मांगा गया था। उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने नाबार्ड स्थापना दिवस के कार्यक्रम के दौरान नाबार्ड से घेरबाड़ योजना को संचालित करने के लिए सहयोग की गुहार की थी। ऐसे में उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों को किसानों की फसलों को सुरक्षित करने के लिए घेरबाड़ हेतु सहायता उपलब्ध करवाने की बात की थी। वहीं घेरबाड़ लगाने के लिए किसानों को आर्थिक सहायता भी उपलब्ध कराने की मांग की थी। इसी मांग को देखते हुए आखिरकार अब केंद्र सरकार उत्तराखंड राज्य में घेरबाड़ योजना का संचालन करने के लिए प्रस्ताव पारित कर चुकी है और जल्द ही केंद्र सरकार द्वारा इस योजना हेतु बजट जारी किया जाएगा।
नाबार्ड ने भी उत्तराखंड में कृषि विकास हेतु सहायता की पेशकश
जैसा कि हमने आपको बताया जुलाई के माह में नाबार्ड स्थापना दिवस के दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी ने नाबार्ड से विभिन्न कृषि योजनाओं को पूरी देने की गुहार लगाई थी। वहीं इस संपूर्ण उद्देश्य के अंतर्गत ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि के माध्यम से नाबार्ड उत्तराखंड में 11000 करोड़ से अधिक परियोजनाओं को मंजूरी दे चुका है। संपूर्ण उत्तराखंड में सिंचाई ,पेड, जल, सड़क नेटवर्क, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का भी विकास हुआ है। इसी बात को देखते हुए उत्तराखंड में भविष्य में कृषि विकास हेतु भी विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं ताकि राज्य में कृषि में विविधता लाई जा सके और बागबानी, औषधीय पौधे ,मत्स्य पालन, पशुपालन जैसे विभिन्न उद्योगों का संचालन किया जाएगा।
उत्तराखंड में कृषि में विविधता लाने हेतु किसानो को विभिन्न सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए भी केंद्र सरकार से उत्तराखंड के कृषि मंत्री ने गुहार लगाई थी। ऐसे में कहा जा रहा है कि केंद्र सरकार अब जल्द ही उत्तराखंड में कृषि को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न प्रकार के प्रस्ताव पारित करने वाली है और अगले बजट में जल्द ही घेरबाड़ योजना के लिए बजट घोषित किया जाएगा। इसके लागू होते ही संपूर्ण उत्तराखंड में जंगली जानवरों के आतंक से जूझ रही खेती को बचाया जा सकेगा और किसानों को फसलों के नुकसान से मुक्ति मिलेगी।
क्या है Uttarakhand Fencing Scheme?
जैसा कि हम सब जानते हैं किसानों का पूरा धन उनके फसलें ही होती है। ऐसे में किसान दिन भर तो फसलों की देखभाल कर लेता है परंतु कई बार मौसम के अलावा भी जंगली जानवरों के हमले की वजह से किसानों को फसलों पर नुकसान झेलना पड़ता है। उत्तराखंड में आए दिन जंगली सुअरों के आतंक से किसानों को फसलों का नुकसान झेलना पड़ता है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए संपूर्ण उत्तराखंड के किसानों को खेतों के चारों तरफ घेरबाड़ लगाने के निर्देश दिए गए थे। हालांकि किसानों की आर्थिक परेशानी को देखते हुए सरकार इस योजना को सब्सिडी के माध्यम से संचालित कर रही थी। परंतु अब उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र सरकार इस योजना में पूरा सहयोग करेगी और घेरबाड़ योजना के अंतर्गत किसानों को खेतों के चारों तरफ 70 सेंटीमीटर की दीवार बनाने हेतु सहायता प्रदान करेगी।
घेरबाड़ निर्माण योजना के अंतर्गत किसानों की फसलों के रक्षा हेतु खेतों के चारों तरफ 70 सेंटीमीटर की दीवार बनाकर उसमें तीन-तीन मीटर की दूरी पर एंगल लगाए जाते हैं और कांटेदार तार कसे जाते हैं ताकि कोई भी जंगली जानवर खेतों में प्रवेश न कर सके और फसलों को नुकसान ना हो। ऐसे में घेरबाड़ योजना को काफी किसानों द्वारा अपने खेतों में लागू भी किया जा चुका है जिसकी वजह से किसानों को जंगली जानवरों के आतंक से निजात भी मिली है और किसानोँ की फसलों को सुरक्षा भी प्राप्त हो रही है। ऐसे में इस योजना के लाभ को देखते हुए अब उत्तराखंड राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार भी कि उत्तराखंड के किसानों को खेतों में खिरवार लगाने के लिए सहायता उपलब्ध कराने वाली है।
केंद्र सरकार कितना बजट पारित करने वाली है!
उत्तराखंड घेरबाड़ योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार उत्तराखंड को प्रतिवर्ष 100 करोड़ के हिसाब से 5 वर्ष के लिए 500 करोड़ की राशि देने वाली है। अर्थात इस पूरी योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी किसानों को घेरबाड़ योजना का लाभ मिलेगा। वहीं इसके साथ ही प्रदेश की 11 जिलों में 6400 हेक्टर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती के लिए भी बजट पारित किया जाएगा।
निष्कर्ष :-
कुल मिलाकर उत्तराखंड के किसानों को अब राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र सरकार का भी साथ मिलेगा और उत्तराखंड में कृषि विविधता का विकास और आगे बढ़ेगा जिससे किसानों को सीधे तौर पर लाभ देखने को मिलेगा।
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